निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
मानव जीवन उस ईश्वर की देन है क्योंकि मनुष्य के मन में प्रेम, त्याग, बलिदान, परोपकार, उदारता का भाव होता है जिससे इस संसार का नवनिर्माण तथा कल्याण हो सके। प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि मानवीय एकता, सहानुभूति, सद्भाव, उदारता और करुणा का संदेश देना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य समस्त संसार में अपनत्व की अनुभूति करे और वह दीन-दुखियों एवं जरूरतमंदों के लिए बड़े से बड़ा त्याग करने के लिए तैयार रहे। वह पौराणिक कथाओं के माध्यम से विभिन्न महापुरुषों जैसे दधीचि, कर्ण, रंतिदेव के अतुलनीय त्याग से प्रेरणा ले। ऐसे सत्कर्म करे जिससे मृत्यु उपरांत भी लोग उसे याद करें। उसका यश रूपी शरीर सदैव जीवित रहे। अपने से पहले दूसरों की चिंता करते हुए अपनी शक्ति, बुद्धि और वैचारिक शक्ति का सदुपयोग करना मानव का कर्तव्य है। मनुष्य में मनुष्यता ऐसी हो जिसे लोग उसकी मृत्यु के पश्चात भी उसके सद्गुणों, त्याग, बलिदान के माध्यम से हजारों सालों तक याद करें। वह यश रूपी शरीर से सदैव मनुष्यता के कारण अमर बना रहे। निःस्वार्थ भाव से जीवन जीना, दूसरों के काम आना तथा स्वयं ऊँचा उठने के साथ-साथ दूसरों को भी ऊँचा उठाना ही मनुष्यता का वास्तविक अर्थ है।